नारद ने मोबाइल अपनाया है
नारद ने मोबाइल अपनाया है
बड़े दिनों पर देवश्रृषि देवलोक लौटे हैं
सबसे मिलने के लिए हर्षित हैं
इंद्र देव से मिल पहले फिर औरों से
मिलने की सोचे हैं...
पर ये क्या इंद्र सभा इतनी उदास क्यों है?
रंभा और उर्वशी नाराज़ क्यों है?
कैसी ये वीरानी छाई है....
बस मेनका ही एक उनको देख मुस्कुराई है
नारद भी घबराये हैं...
निश्चित ही कोई बड़ी विपदा आई है ..
नारद...देवी मेनके...
ये क्या हाल हो रखा है इंन्द्रलोक का...
क्यों उर्वशी और रंभा मुंह फुलाई है?
मेनका मन ही मन मुस्काई है..
अपने मन की पीड़ा साझा करने को
अकुलाई है...
प्रभु ये मोबाइल महामारी आई है...
इसने वर्षों की मित्रता दाँव पर लगाई है..
मेनके ..देवी ...ये क्या कह रही हो तुम..
मुझ नादान को ठग रही हो तुम...
प्रभु ...जो जगत को अपनी धुन पर नचाते हैं...
नारायण नारायण कह तीर चलाये जाते हैं... भ
ला वो कब से इन मामूली बातों से घबराये हैं?
देवी!!!! इस अबोघ बालक पर रहम करो..
बात जो है वो विस्तृत में वर्णन करो।
देव!!!जब से उर्वशी के फोलोवर्स ने
रंभा को फोलो करना शुरू किया...
उन्होंने रंभा को सबसे ज्यादा लाइक और
कमें
ट्स किया...
पहले करते थे वो उर्वशी का गुणगान..
अब कहते हैं वो रंभे तू है महान...
नारद....देवी ये कैसे पारखी हैं
जो मौका देख पहलू बदलते जाते हैं?
देव!!!! ये मोबाइल की माया है..
इसके पार कौन पाया है?
आप ज्ञानी पुरूष महाज्ञाता हैं...
आप ही निवारण ढूंढें..ये हमारी विनती है।
नारद घबराये... बिन बोले मुसीबत गले पाये।
देवी!!! ये कौन सी मायाजाल आपने बिछाया है...
ब्रह्मा को छोड़ मुझ निर्गुण को क्यों फंसाया है..
मेनका खिलखिलाई...
इंद्र लोक में थोड़ी रौनक लाई..
नारद के बैचेनी को देख सहज ही उपाय सुझाई...
देव!!! सब मोबाइल की माया है..
ब्रह्म लोक भी इसके चक्कर में आया है...
ब्रह्मा जी भी उलझे हैं टिकटॉक की
उलझी गलियों में..
इंद्र देव भी धूम रहे हैं अमेजन और
युट्यूब की नगरी में..
रंभे और उर्वशी उलझी हैं लाईक और
कमेंट्स की गिनती में..
बाकी ढ़ुढ़ रहे हैं ज्ञान व्हाट्सएप के ग्रंथों में..
देवी!!!नारायण नारायण कौन करे?
अब तो लगता है ..हम भी मोबाइल
मोबाइल की जाप करें..
मेनका और नारदजी ने भी नया मोबाइल
निकाला है..
झट अपना अपना एकाउंट बनाया है।