दर्शन विषय रहा है शिक्षा में ।साहित्य से जुङाव है। लिखना पसंद है उससे ज्यादा पढ़ना पसंद है।
यूँ ही बेख्याली में ये तमाम सफ़र होने दें। यूँ ही बेख्याली में ये तमाम सफ़र होने दें।
इस साबित के होड़ में कब कहां कैसे खो गई उसकी हंसी इस साबित के होड़ में कब कहां कैसे खो गई उसकी हंसी
मैं नज़्म नहीं लिखती मैं लिखती हूं तेरी मेरी कहानियां। मैं नज़्म नहीं लिखती मैं लिखती हूं तेरी मेरी कहानियां।
खुद ही दफनाती मैं अपने सत्य को खुद ही नकारती मैं। खुद ही दफनाती मैं अपने सत्य को खुद ही नकारती मैं।
बरगद विशाल बुनु नित नव सरंचना अपन आंचर पसाइर। बरगद विशाल बुनु नित नव सरंचना अपन आंचर पसाइर।
फर्क पड़ता है तब मुझे हां बड़ा फर्क पड़ता है तब मुझे। फर्क पड़ता है तब मुझे हां बड़ा फर्क पड़ता है तब मुझे।
देव!!!! ये मोबाइल की माया है.. इसके पार कौन पाया है? देव!!!! ये मोबाइल की माया है.. इसके पार कौन पाया है?
विश्वास का दीप जला रहा कच्चा सा ये दिल लम्हें नये चुन रहा। विश्वास का दीप जला रहा कच्चा सा ये दिल लम्हें नये चुन रहा।
सपने तो बस सपने हैं कब पूरे हो पाये हैं... सपने तो बस सपने हैं कब पूरे हो पाये हैं...
गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे गलियों में मौत पसरी है हर मोड़ पर जाने किस घड़ी किस रूप में मिल जाए किसे