ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है
ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है
ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है प्यार तो बस एक टाईमपास का बहाना है...
दो प्रेमी आपस में भले ही करते हों कितने ही वादे
पर अंडर कवर एजेंट को देखते ही रह जाते हैं सब अधूरे और आधे
ये हुस्न की मल्लिकाएं चलाती हैं ऐसा जादू
कि आप तो आप मचल जाएँ आपके दादू
गलती इनकी नहीं
ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है
प्यार तो बस एक टाईमपास का बहाना है....
अब प्यार महज़ स्टेटस सिम्बल है और भावनाओं कि लगी है वाट
तभी अपनी गर्लफ्रेंड नहीं दूसरी लगती है ज्यादा हाट
शायद तभी टूटते हैं आजकल इतने रिश्ते
अगर ऐसी हरकतें रही तो बचा ना सकेंगे इनको इनके ही फ़रिश्ते
पर इनका क्या दोष
ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है
प्यार तो बस एक टाईमपास का बहाना है....
एक सवाल खटकता है बार बार
क्या सच्चा रहा होगा हीर रांझा और लैला मजनूँ का प्यार
या फिर उनका प्यार भी इसलिए रहा होगा बरकरार
क्योंकि उस वक़्त नहीं था इमोशनल अत्याचार
उस वक्त का तो पता नहीं पर...
ये इमोशनल अत्याचार का ज़माना है
प्यार तो बस एक टाईमपास का बहाना है....
आज सिसकियाँ लेकर रोता हुआ प्यार
अपनी दास्ताँ कर रहा है बयां
शायद आज वो रंगे महफ़िल ही नहीं
जब वो हुआ करती थी जवां
आखिरी सांसें गिनता हुआ वो यही कह रहा है
चीख रहा है चिल्ला रहा है
हाय, ये कैसा ज़माना है?
प्यार तो बस एक टाईमपास का बहाना है