STORYMIRROR

गौतमी सिद्धार्थ

Abstract Comedy Romance

4  

गौतमी सिद्धार्थ

Abstract Comedy Romance

नाइन्साफी

नाइन्साफी

1 min
341


लोगों ने प्यार की कई मिसालें बना दी,

बस्स हमारी ज़हन में मुहब्बत लफ्ज क्या आया,

मुहल्ले ने शोर मचा दिया ।। 1।।

लोग अपनी माशूका के संग कहा कहा घूमने जाते है,

और हमने उनसे मिले का क्या सोचा,

लोगों ने कर्फ्यू लगवा दिया ।। 2 ।।

लोग अपने दिलबर के संग बाहर जाते है,

मीठी मीठी बाते करते है, खाने का लुत्फ उठाते है,

हम ये सपने बुन ही रहे थे की ,

लोगों ने हमें डायट प्लान थमा दिया ।। 3 ।।

पूरा शहर उनकी तारीफों के पुल बांधता है

,पर आज तक हमने उन्हें नहीं देखा,

आज उनकी झलक दिखने ही वाली थी,

की, सारा शहर अंधेरे में करवा दिया ।। 4 ।।

कई दिनों से हाले दिल उनसे कहना था,

आखिरकार हिम्मत जुटा के,

आज हम उनसे मुहब्बत का इजहार करने ही वाले थे,

और उन्होंने बात करना ही बंद कर दिया ।। 5 ।।

इस नाइन्साफी की फरियाद करने की सोच रहे थे,

लोगों ने इन्साफ करना छोड़ दिया 

अपना दुखड़ा सुनाने की सोच रहे थे ,

पर लोगों ने सुनना छोड़ दिया।। 6।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract