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गौतमी सिद्धार्थ

Abstract

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गौतमी सिद्धार्थ

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मित्रता

मित्रता

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     मित्रता

(गौतमी  सिद्धार्थ 16/12/2020)

क्या सिर्फ पुरुष- पुरुष और स्त्री -स्त्री ही अच्छे मित्र होते हैं?

क्या एक स्त्री और पुरुष अच्छे मित्र बन सकते हैं?

क्या वो घंटो अच्छी बातों पर बोल सकते हैं?

क्या वो अच्छे विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं?

हाँ या ना?

मेरा मानना हैं कि हाँ।

मित्रता किसी के साथ भी हो सकती है,

स्त्री ,पुरुष फरक नही पड़ता..

बस्स! एक दूसरे का आदर करो..

मनुष्य हो तो दूसरे को भी एक मनुष्य की तरहा देखो,

एक दूसरे के सुख दुःख बाँटो,

मित्र याने....जरुरत पड़ने पर ...

सहारा बनता है, फटकारता है,घुस्सा करता है,, 

आँखे पोछता है,हिम्मत बाँधता है,मन के भाव पढता है,

जरुरत पड़ने पर कभी हाथ नही छोड़ता,

कान पकड़ के सही राह दिखाता है,

एक बेहतर इन्सान बनने में आपकी सहायता करता है,

आप खुद को ढूंढते हैं ,झटपटाते रहते हैं उस वक्त,

 वो ही विश्र्वास रखता है और आपको विश्र्वास दिलाता भी है,

आपसे ज्यादा वो आप पर विश्वास रखता है

अच्छा मित्र एक मनोचिकित्सक का ही काम करता है।

मित्रता को स्त्री ,पुरुष इसमें बाँधकर ना रखो,

अच्छा मित्र ...

चाहे वो स्त्री हो या पुरुष अच्छा मित्र ही होता है।

आप सभी के जीवन में अच्छे मित्र आये यही नये साल की शुभकामनाए....

  



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