मै वो किताब हुँ...
मै वो किताब हुँ...
©® गौतमी सिद्धार्थ( 9 /1 /2021)
मै वो किताब हूँ
जिसे लोग पढना तो चाहते हैं,
पर समझना नहीं चाहते,
या समझ नहीं पाते।
वो लिखावट की खूबसूरती मे खो जाते हैं,
पर लिखी हुई शब्दों की गहराई,
समझने का प्रयास नहीं करते।
मेरी किताबो मे रंग और अल्फाज़,
मेरे अपने ही चाह के होते हैं,
शायद यही गवारा नहीं होता लोगों को,
वो अपने हिसाब से मेरी किताब लिखना चाहते हैं।
पर मै भी जिद्दी हुँ,
मेरी रंगबिरंगी और खुशबु से महकती ,
किताब ही पढने के लिये पेश करती हुँ।
अब लोग भी समझ रहे हैं
इस किताब पर वो
अपनी कहानी नहीं लिख सकते।
©® गौतमी सिद्धार्थ (9/1/2021)