नया जन्म
नया जन्म
मुझसे अंतर्मनने पुछाकितने दिन हुए,
अच्छी बातें की नही मुझसे? लोगोंसे ढेरो बातें की
पर मुझ से तो हमेशा दिल कचोटनेवाली ही क्यूँ
ये सवाल लाज़मी था
शांत एकांत जगहा पर कई बार
द्वंद्व हुआ है मुझमे और मनमे
पर आज मै चुप थीक्यु की ,
पहली बार अंतर्मनने ऐसे सवाल पुछे जो तिखे लगे
शायद ! तीर निशाने पर लगाऔर
एक नया तुफान उठा मन मे
खुद से इतनी बेरुखी क्यूँ ?
आज खुद को ही कई कड़े सवाल पुछे
सच मे क्या चाहत है ? कैसे जीना है
जवाब मिलते गये
चेहरे पे मुस्कान लिये मे वर्तमान मे पहुँची,
फिर से रोजमर्रा की जिंदगी जीने
पर अतर्मन खुश था, क्यूँकि
आज उसने नये शख्स को जनम दिया,
नया विचार, नया दृष्टिकोन, नये जन्म सा ही है
आवाज आई की " नया जन्म मुबारक ! "
बस्स, अब ये ना पुछो किसने कहा।
