नारायण क्यों - हे शिव !
नारायण क्यों - हे शिव !
कैसे अपदस्थ किया तुमने
उस क्रूर, अहंकारी शासक को ?
हे बलवंत, हे द्विजराज, हे काशीराज !
कैसे फैलाया तुमने विस्तृत साम्राज्य ?
मगरमच्छ से बैठे मुग़ल,
चंदेलों को भी
कैसे धूल चटाया तुमने ?
धूर्त अंग्रेजों को कैसे समझाया तुमने ?
अली-कुली खाँ को !!
कैसे मार भगाया तुमने !
कैसे जजिया मुक्त कराया तुमने ?
काशी को, अविनाशी को ?
हे शिव, हर- हर महादेव !
तुम तो शिव के प्रतिनिधि ?
फिर नारायण राजवंश का राज
समझ न आया मुझको !