STORYMIRROR

Dinesh Dubey

Romance Tragedy

3  

Dinesh Dubey

Romance Tragedy

नाराजगी

नाराजगी

1 min
10


नाराजगी उनकी बर्दाश्त ना कर पाए,

दिल में दर्द उठा ये उन्हें बता ना पाए ,

पता नहीं ये मेरे दिल का वहम था या कुछ और ,

शायद हम उन्हें प्यार से समझा ना पाए,।

वो भी तो मेरे दिल की धड़कने सुन ना पाई,

मेरी आंखों के प्यार को पढ़ नहीं पाई,

अपने ही गुरुर में वो मेरे शब्दों को समझ न पाई,

मुझे दिल से रुखसत कर पता नहीं वो क्या पाई,।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance