नाराज़गी कम नहीं
नाराज़गी कम नहीं


तुम रूठे हो उससे
या वो नाराज़ है तुमसे
इस बात का फ़ैसला
हो पाता अगर,
कोई एक मना लेता
किसी दूसरे को,
जमाना बदल सा गया है
वरना एक वक्त था,
हार कर भी
जीत मिल जाती थी,
अब कोई तैयार ही नहीं
जीत कर दिल हारने को।
तुम रूठे हो उससे
या वो नाराज़ है तुमसे
इस बात का फ़ैसला
हो पाता अगर,
कोई एक मना लेता
किसी दूसरे को,
जमाना बदल सा गया है
वरना एक वक्त था,
हार कर भी
जीत मिल जाती थी,
अब कोई तैयार ही नहीं
जीत कर दिल हारने को।