दे जाए कोई एक कांधा अगर नहीं जरुरत चार कंधो की। दे जाए कोई एक कांधा अगर नहीं जरुरत चार कंधो की।
अँधेरे कोने में मन के कुंडली मार के बैठा दुःख मुस्कुराता मुझे देख देख के अँधेरे कोने में मन के कुंडली मार के बैठा दुःख मुस्कुराता मुझे देख देख के
अब कोई तैयार ही नहीं जीत कर दिल हारने को। अब कोई तैयार ही नहीं जीत कर दिल हारने को।
माननी होगी हिंदुस्तानियों से तुझे हार । माननी होगी हिंदुस्तानियों से तुझे हार ।
खड़े रह सकते हैं और फिर एक बार जीतने का दम भर सकते हैं। खड़े रह सकते हैं और फिर एक बार जीतने का दम भर सकते हैं।
थक गया हूँ ज़िन्दगी, अब हाथ फिर से थाम ले, बहुत हुआ कोहराम है, कुछ तो जरा आराम ले। थक गया हूँ ज़िन्दगी, अब हाथ फिर से थाम ले, बहुत हुआ कोहराम है, कुछ तो जरा आरा...