मुस्कराओ मेरे साथ
मुस्कराओ मेरे साथ
तम गहरा बहुत दीप जलाओ मेरे साथ
ग़म सारे भुला कर मुस्कराओ मेरे साथ..
मानते हैं ये जग कुरेदता है ज़ख्मों को
चलो आज ज़ख्म सहलाओ मेरे साथ..
बेसुध-बेबस लाचार से हालातों से हो
सखी ख़ुद को तुम बहलाओ मेरे साथ..
जिसे जो करना है जी भर कर लेने दो
पाप के दौर में नेकी कमाओ मेरे साथ..
हर कोई आजमाता हज़ारों दफा ही
आज सभी को आजमाओ मेरे साथ..
मन के शहर के तिनके बिखरे पड़े हैं
कभी कोना-कोना सजाओ मेरे साथ..
वक़्त के तूफ़ानों ने छीना सभी कुछ
चलो अब आशियां बनाओ मेरे साथ..
नासमझ हैं वो जो हीरा काँच समझें
रूठे हुए अपनों को मनाओ मेरे साथ..
नादां हैं कीमत नहीं जानते तेरी वो
भूल गिले-शिकवे अपनाओ मेरे साथ..