तुझे दरिया भी बर्तनों में छुपाना है, हमें कतरा भी धूप से बचाना है। तुझे दरिया भी बर्तनों में छुपाना है, हमें कतरा भी धूप से बचाना है।
मिट जायेगा मन में पैदा हुआ अभिमान नजर आ जायेगा अपना स्थान। मिट जायेगा मन में पैदा हुआ अभिमान नजर आ जायेगा अपना स्थान।
'इन्सान ने अपने स्वार्थ के लिये जंगले कट दिए, नतीजा प्रकृति का पूरा संतुअलं बिगड़ गया है, सुंदर लघुकव... 'इन्सान ने अपने स्वार्थ के लिये जंगले कट दिए, नतीजा प्रकृति का पूरा संतुअलं बिगड़...
अंतहीन इंतजार,हर दिन झूठी आशा,झूठे ख्वाब। अंतहीन इंतजार,हर दिन झूठी आशा,झूठे ख्वाब।
मुश्किलों के भंवर में फंसी ज़िन्दगी जैसे नदी में एक ऐसी रूह जिसे तैरना भी ना आता हो। मुश्किलों के भंवर में फंसी ज़िन्दगी जैसे नदी में एक ऐसी रूह जिसे तैरना भी ना आता ...
जब लगे असहनीय सूरज का तप भी, हम बादल बन छाएंगे, बरस जाएंगे. जब लगे असहनीय सूरज का तप भी, हम बादल बन छाएंगे, बरस जाएंगे.