अंतहीन इंतजार
अंतहीन इंतजार
अंतहीन इंतजार,हर दिन
झूठी आशा,झूठे ख्वाब।
फिर खाली दिल,खाली हाथ
सारा दिन,सारी रात।।
एक अंतहीन ख्वाब,मुनीस मेरे!
हकीकत नहीं! खाली ख्वाब।।
अंतहीन तन्हाई है,है सेहरा में छाई।
रेत के पन्ने हैं,तिनके हैं रौशनाई।।
रेत का महल है,रेत पर लिखाई।
महज इक वादिये नसीम ने बड़ी इबारतें मिटाई।
जब कभी सेहराए हवा की
आगोश में आई।।
तब किस हर्फ ने,है जिंदगी अंतहीन पाई।।