अंतहीन इंतजार,हर दिन झूठी आशा,झूठे ख्वाब। अंतहीन इंतजार,हर दिन झूठी आशा,झूठे ख्वाब।
खुशमिजाजी औ सुखन भी महफिलों की चाहिए। खुशमिजाजी औ सुखन भी महफिलों की चाहिए।
दूजी से तुम सजा लेना अपनी कलाई दूजी से तुम सजा लेना अपनी कलाई। दूजी से तुम सजा लेना अपनी कलाई दूजी से तुम सजा लेना अपनी कलाई।
जीवन के हर पहलु से जोड़ने में यह मंच सराहना का पात्र है, इस मंच ने नवोदित लेखन कारों का भी प्रतियोगित... जीवन के हर पहलु से जोड़ने में यह मंच सराहना का पात्र है, इस मंच ने नवोदित लेखन का...