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Manjula Pandey

Inspirational Children

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Manjula Pandey

Inspirational Children

पहाड़ों की बेटियां

पहाड़ों की बेटियां

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अब पहाड़ों की बेटियां बदलने लगी हैं।

दरांती संग, कलम लेकर चलने लगी हैं।।


अब पहिले-सी हर परिस्थिति को अपनी।

 किस्मत मान चुप्पी नहीं साधने लगी हैं।।


जिन सुनहरे सपनों को पालती थी पलकों में।

उन्हें आकार देने की जद्दोजहद करने लगी हैं।।


 रख भरोसा खुद की क्षमताओं पर लीक से परे।

घर की दहलीज से बाहर कदम निकालने लगी हैं।।


बात-बात में घबराकर "मंजुल" चश्मे नम करती नहीं।

क्षमताओं के पंखों से परवाज ऊंची भरने लगी हैं।।



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