STORYMIRROR

Rominder Thethi

Inspirational

4  

Rominder Thethi

Inspirational

मकाम

मकाम

1 min
175

बिन सलाहियत भी कई बार मिल जाते हैं मकाम

ज्यों हवायों के बल पे तिनके भी छूते हैं आसमान


खुद को ऊँचाई पे देख उमड़ता है अभिमान

मगर यह बात भूल जाते हैं तिनके नादान


के बिन पँखों की है ये पल भर की उड़ान

जैसे ही हवायों का साथ छूटेगा


मन में पैदा हुआ हर भ्रम टूटेगा

जिस मिट्टी से उठे थे


वक्त उस मिट्टी में फिर मिला दे गा

मिट जायेगा मन में पैदा हुआ अभिमान

नजर आ जायेगा अपना स्थान।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational