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Shreya Rai

Fantasy

3  

Shreya Rai

Fantasy

मुस्कान

मुस्कान

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क्या पता वो मुस्कान थी

या कुछ और

पाने की चाहत

या बस सुकून की राहत।

जानने की कोशिश तो मैंने की

पर समझ ने मेरी साथ न दी।


चेहरे को गौर सेेेे देेेखा

हैरान सी ललक दिखी, 

और ध्यान दिया

अनजान सी चमक दिखी

देखना न चाहा

लेकिन फिर भी दिखी।।

कदम बढे, करीब थी वो

मानो मेरे ही तलाश में थी वो।।



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