STORYMIRROR

Shreya Rai

Inspirational

4  

Shreya Rai

Inspirational

जिंदगी-एक पहेली

जिंदगी-एक पहेली

1 min
308

जिंदगी की बात ही जनाब अलग है

कभी ग़म है , कभी भ्रम तो कभी सुुुुलग है।

बहुत कुछ सिखाए , बहुत कुछ ‌बताए

तुम्हारा तुमसे ही परिचय कराए।।

पग -पग पर ज्ञान बिखरा है , समेट लो

क्या पता कब चमत्कार से भेंट हो।

इसके अनसुलझे पहेली को समझना चाहूँ मैं

क्या इशारें हैं वो भी परखना चाहूँ मैं

अच्छा ,बुरा सब देेेखा है, और क्या

ये दिखलाए वो भी देखना चाहूँ मैं।।

गाथा है ये विचित्र, बहुत पुुुुरानी बहुत अजीब

जाओगे दूूर कैसे, होगे तुम इसके और करीब

क्यों न मान लें इसी को अपना नसीब।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational