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Shreya Rai

Tragedy

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Shreya Rai

Tragedy

जाने मन क्यों भटकता है

जाने मन क्यों भटकता है

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न जाने मन कभी क्यों भटकता है

बीच रास्ते में ही जाने से अटकता है।

कितना समझाया इसको कि अगर ज़िद है 

आगे बढ़ने की और 

कुछ बड़ा करने की

तो छोड़ दो दुनिया के जंजालों को

उनके अनगिनत बेमतलब सवालों को।

ऐ खुदा बता मुझे जब दिल, दिमाग भंवर 

में फंसा हो

सामने अंधेरा ही अंधेरा कसा हो

तो कैसे नियंत्रित करें अपने काम पर

अपनी दिनचर्या और अपने ही आप पर।

डर लगता है कि सोची हुई बात झूठ न हो जाए

और मंजिल मुझसे मिलने के पहले ही रूठ न जाए।

 



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