मुसीबत का बैंक
मुसीबत का बैंक
एक रुपया रोज बच्चों
तुम्हारी बचत का,
काम आएगा तुम्हारे
बैंक मुसीबत का।
और तुमको प्यारी है,
पर चॉकलेट और दाँत ?
करके वो सिक्का जमा,
मानो डॉक्टर की बात।
जब आपदा आए
कभी अपने पास,
मदद को पहले
उठेंगें बच्चों के हाथ।
फिर गुल्लक तोड़ी
जाएगी,
मिट्टी वाली फोड़ी
जाएगी,
लॉक वाली खोली
जाएगी,
जमा पूँजी बोली
जाएगी।
कुछ की जरूरतें
पूरी हो जाएंगी,
कुछ की गुल्लक
अधूरी हो जाएंगी,
कुछ की आदतों
में सुधार होगा,
कुछ की ख्वाहिशें
पूरी हो जाएंगी।