विरोधाभास
विरोधाभास
दमकते चेहरे पर, ज़ख्म बड़े गहरे ,
खामोश जुबाँ पर , विचार की लहरें ,
निःशब्द रात पर बेहद कड़े पहरे ,
समन्वय है ये विरोधाभास !
कोमल गुलाब चहुँ ओर तीक्ष्ण कंटक,
कीचड़ में लिपटा पुलकित है पंकज ,
घनघोर जंगल फिर शीतल है गंडक ,
संतुलन है ये विरोधाभास !
नदी के मुहाने पर पथिक की प्यास ,
खचाखच भरी जमीं पर सूना आकाश ,
उर्वर मन में एक बंजर आभास ,
परीक्षक भी है ये विरोधाभास !
निरंक पृष्ठ पर सौंदर्य चित्र ,
विषम परिस्थिति में हमदर्द मित्र ,
जलते रेत से जल का आलिंगन ,
फिर मलय पवन का अभिनन्दन ,
सुखद भी है ये विरोधाभास !
जीवन विविध रूपों का परिचयक,
"विरोधाभास" में जन्मे 'नायक' !
