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मुल्क में कैसा ये दौर आ रहा है

मुल्क में कैसा ये दौर आ रहा है

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मुल्क में कैसा

ये दौर आ रहा है,

हाथ में पत्थर और

चेहरों पर नकाब आ रहा है।


जो बचाते हैं सरहदों पर

आबरू देश की,

उन्हीं जवानों को

पत्थरों से मारा जा रहा है।

जिनकी उम्र है हाथों में

किताब उठाने की,

उन हाथों में पत्थर

और बारूद दिया जा रहा है।


ये कैसा खेल वादियों में

खेला जा रहा है,

जहाँ इंसान को

हैवान बनाया जा रहा है।

है कौन जो अपनों में

नफरत का ज़हर भर रहा है,

देखिए ज़रा गौर से

अपने वतन से

जज़्बा-ए-मोहब्बत जा रहा है।



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