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हरि शंकर गोयल

Abstract Action Inspirational

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हरि शंकर गोयल

Abstract Action Inspirational

मुक्तक : जिसकी लाठी उसकी भैंस

मुक्तक : जिसकी लाठी उसकी भैंस

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 जमाने के चलन में अजब गजब सा दस्तूर है 

जिसके पास ताकत है , होती उसी की हूर है 

"ताकत" वालों के सब गुनाह माफ हो जाते हैं 

गरीब लोगों के बस, नजर आते सब कसूर हैं 

आम आदमी की जिंदगी बहुत सस्ती होती है 

कुदरत भी उनकी किस्मत पे नौ आंसू रोती है 

कानून, सरकार, न्याय कोई भी उसके साथ नहीं

जिसके पास लाठी है, भैंस उसी की होती है 

भावनाओं के सागर में यूं ही नहीं बहना चाहिए 

आम आदमी को हर हाल में चुप रहना चाहिए 

रसूख वालों के लिए हैं दुनिया के सारे सुख वैभव 

गरीब आदमी को तो बस दुख ही सहना चाहिए 

बिना वजन के कोई फाइल आगे नहीं बढ़ती है 

अड़ियल टट्टू की तरह एक जगह खड़ी रहती है 

रसूख वालों का जब पड़ता है कोई काम यहां 

तो कुलांचे भर के वो फाइल हिरनी सी भागती है 

लाठी के सामने धन दौलत बुद्धि सब बेकार है 

जब चलती है लाठी तो हो जाते सब लाचार हैं 

लाठी के डर से भाग जाते हैं बड़े से बड़े "भूत"

जिसके पास लाठी है बस उसी की सरकार है 

श्री हरि 



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