चाहतों का खजाना
चाहतों का खजाना
एक तो पहले ही दूरियां कम न थीं हम दोनों में
उस पर ये मोबाइल भी हमसे दूर रखवा लिया
मौसम, तबीयत, जमाना सब पीछे पड़े हैं हमारे
यूं गिन गिन कर इन सभी ने हमसे बदला लिया
जिसपे हमें बड़ा नाज था वही दिल धोखा दे गया
घरवालों को बातें बनाने का अच्छा मौका दे गया
कड़वी दवाइयां खा खाकर ही मर जाते हम तो यार
"उनका" खयाल आया, राहत का एक झोंका दे गया
हवाओं के रुखसारों के जरिये एक पयाम भेजा है
रसीले लबों के पैमानों में नजरों का जाम भेजा है
करते हैं मोहब्बत तुमसे ये एलान करते हैं जाने जां
अपनी चाहतों का खजाना हमने खुलेआम भेजा है।

