मुझे शायर बनना है ...
मुझे शायर बनना है ...
मुझे शायर बनना है...
घने कोहरे से निकलती रोशनी को देखना है,
बारिश में नहाये हुए पहाड़ो की फ़िसलन को महसूस करना है,
बसंत में खेत में लहराते हुए फसलों को हाथ से छूना है,
बस आज मुझे शायर बनाना है...........
Facebook और Whatsapp की likes Selfie बहोत हुई,
ABP और बहसबाज़ी भी बहोत सुनी,
अब मेरे पुराने दोस्तों के साथ वही पुरानी महफिले सजाके,
बस आज मुझे शायर बनाना है .........
सुबह से रात तक ट्रैन और बस स्टेशन बदलने की दौड़ से कही दूर,
बांसुरी में से आनेवाली सुरावाली की लय को दिलो में समाये,
आसमान के मेघधनुषी सात रंगों को अपना रंग बनाके,
बस आज मुझे शायर बनाना है .......
महंगाई, गरीबी, बेकारी और भ्रस्टाचार से अब दो दो हाथ करना है
हर अवाम की आवाज़ बनकर मंच पर जोर से चिल्लाना है
वापस गिरकर बार-बार लगातार चलना है,
बस आज मुझे शायर बनाना है...