तलाश
तलाश
तलाश है मुझे अपने खोये हुए अस्तित्व की
उस नयी राह की जो सफर बने मेरे आत्मखोज की
आसमाँ छुने की चाह नहीं मुझको
सरल रास्तों की फिसलन नहीं लालच मेरी
दिलो की फ़कीरी अब लुभाये मुझे
हौसलों के तरकश में
उम्मीदों का तीर रखना है मुझे
तलाश है मुझे अपने खोये हुए अस्तित्व की .....
भीड़ मे उठी सबसे बुलंद आवाज़ बनकर
अन्याय के ख़िलाफ़ सबसे पहले उठनेवाली लाठी बनकर
हक़ माँगने की मजबुरी नहीं कानून को अमल कर
तलाश है मुझे अपने खोये हुए आस्तित्व की.......
नेतृत्व के नियमों में अब शामिल नहीं मैं
कलयुग मे रामयुग लाने के झूठे वादों में शामिल नहीं मैं
बहते लहू की क्रान्ति के सिराहने पर चमकने के लिये
तलाश है मुझे अपने खोये हुए अस्तित्व की......।