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shaily Tripathi

Tragedy Classics Inspirational

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shaily Tripathi

Tragedy Classics Inspirational

पैसे की बर्बादी, बड़ा रुलाती

पैसे की बर्बादी, बड़ा रुलाती

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पैसा, रुतबा, बंगला, गाड़ी, 

लगी लाॅटरी, क़िस्मत जागी 

चिन्ता अब काहे की करनी 

करते हैं अपनी मन-मर्ज़ी 

जो चाहेंगे खायेंगे, 


लंदन तक हो आयेंगे 

मन को नहीं दबायेंगे 

पैसे नहीं बचाएंगे 

नोट उड़ात जायेंगे... 


ऐसा करके लाला जी 

खरच गये सब पैसा जी 

बाकी कुछ भी बचा नहीं 

घर का खर्चा चला नहीं 


बच्चे भूखे सोते थे 

हरदम रोते रहते थे 

पाठ-पढ़ाई छूट गयी 

क़िस्मत जैसे रूठ गयी 

बच्चे कचरा सब खोज रहे 

अपनी क़िस्मत कोस रहे।


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