Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

4  

Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Classics

देर हो रही

देर हो रही

1 min
316


देर हो रही है, स्कूल के जाने में,

भूल हो गई है, देखो अनजाने में।

कत्र्तव्यपरायणता का गुण हो जन,

काम को नहीं टाल,बस बहाने में।।


भागदौड़ मच रही, स्टेशन की ओर

देख देख नृत्य करते,जंगल में मोर।

ट्रेन चलेगी वक्त पर,न चले बहाना,

गाड़ी की आवाज करती है विभोर।।


देर हो रही है, स्कूल जाना चाहिये,

शिक्षा की बयार बहे,अब तो आइये।

शिक्षा होता माथे का एक चंदन जो,

हर हाल में जन को लगाना चाहिए।।


देर हो रही है, पर इसे भूल जाइये

धीरे ही सही,भागदौड़ नहीं मचाइये।

कभी नहीं से हो देर भली,इसे पाइये,

दे से घर जाकर,परिवार को हँसाइये।।


देर हो रही है, विकास होना चाहिये,

देश की माटी बस, माथे पर लगाइये।

दे देते हैं कुर्बानी पर पीछे नहीं हटते,

जान फिदा करके, माटी मान बढ़ाइये।।


देर हो रही है, अब तो कर ले तैयारी,

परीक्षा सिर पर है, कहां अकल मारी।

समय पर सीख ले जो वहीं है महान,

शिक्षा पा लेना,बनना नहीं है व्यापारी।।


देर हो रही है, नेता अभी तक न आये,

समय पर पहुंचके,छवि दिल में बसाये।

क्या क्या भाषण देते हैं देश के ये नेता,

इनसे कभी भी प्रीत अधिक न लगाइये।।


देर हो रही है, निज घर चले ही जाइये,

शोर शराबा उचित नहीं, शांत हो जाइये।

शांत रहकर इंसान को, कर्म करने चाहिए,

हर जन को साथ लेके, खूब ही हँसाइये।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics