कता
कता
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तुझ में जो खो गया है वह मंजर तलाश कर।
बाहर जो ना मिले उसे अंदर तलाश कर।
जो शख्सियत निखार दे उसको वली बना।
खुद से हो, जो बेहतर वह कलंदर तलाश कर।