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Neelam Sharma

Classics

3  

Neelam Sharma

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नव वर्ष

नव वर्ष

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लाया नूतन वर्ष यह, नवल उमंगी भोर।

हुआ प्रफुल्लित देख मन, महक भरी चहुँओर।।


अधर मधुर मुस्कान ले,आ पहुँचा नव वर्ष। 

नस-नस में घन श्याम सखी,

रोम-रोम उत्कर्ष।।


बीती बात बिसार दो,हुआ अतीत कु-काल।

नूतन दिनकर उग रहा, विजय तिलक कर भाल।।


नाचता मन मयूर बन,उत्सव नव उल्लास।

आस्था 'नीलम' कृष्ण है, गिरिधर ही विश्वास।।


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