मेरा संदेश
मेरा संदेश
ऐ घनघोर मेघों
ऐ सरसराती हवाओं
ऐ मोगरे की खुशबू
कुछ कहना चाहता हूँ
कुछ बताना चाहता हूँ
तुमसे किसी को संदेश भिजवाना चाहता हूँ
मेरी दिलरुबा मेरी हमदर्द को मेरा पैगाम देना
जब तुम उसके घर की गलियों से गुज़रो तो
उसके पायल के घुंघरू को छनकार देना
मोगरे की हवा जब तुम उसके तन को छूओ तो
मेरी मोहब्बत की खुशबू बिखेर देना
घनघोर मेघ जब तुम उसके आंगन में बरसो तो
उसकी जुल्फों को भिगो देना
उसकी ज़ुल्फ़ों के साये में रहने वाली बालियों को और सवार देना
संदेश ये है की
तुमसे दूर हूँ मगर पास में हमेशा हूँ
साँस भले ही जुदा हो मगर धड़कन एक है
निगाहों से निगाहों का दीदार दूर है
हाथ में हाथ थामने को ना हो मगर
दिल की डोर से डोर का ये रिश्ता हमेशा थमा रहेगा
मेरे इस संदेश की बूँद
तुम्हारे माथे से होकर लबों तक जाये
तुम्हारी ज़ुल्फ़ों से होकर बालियों तक जाये
बालियों से कंगन और कंगन से पायल तक
का सफर तय करे तो मुस्कुरा देना
एक बार मेरा नाम दिल से पुकार देना की
ये दूरी कुछ पल कुछ लम्हों की और सही मगर
मुसाफिर मंजिल से दूर नहीं
जिस्म भले ही दूर रहे
साँस एक है धड़कन एक है
एहसास एक है जज़्बात एक है
बस यही संदेश उस तक।