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Atiendriya Verma

Abstract Romance Classics

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Atiendriya Verma

Abstract Romance Classics

सागर जैसी आंखों वाली

सागर जैसी आंखों वाली

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सागर जैसी आंखों वाली, गहरी नदियों सी बहती हैं।

उन आँखों के गहरे जल में, हैं छुपी हर रहस्यमयी बातें।


साहस दिल में उसके, जगमगाती तारों सी चमकती हैं।

सपनों की दुनिया में, वो हर दरिया पार कर जाती हैं।


विशाल समुंदरों के रहस्य, उसकी आंखों में बसते हैं।

जैसे ही उसकी नज़रें मिलती, सब राज खुलकर सामने आते हैं।


जब भी वो हंसती हैं, तारों की चमक दूर तक फैलती हैं।

मुस्कराहट से उसकी, जीवन की सारी गहराईयां खिल जाती हैं।


जिन्हें बचाने को आँखें फड़कती हैं, उनकी मुस्कान हैं साहसी।

विश्वास जिसकी नेत्रों में, उसके संग नहीं टूटती हैं कभी राहीसी।


सागर जैसी आंखों वाली, प्रेम की गहराई में खो जाती हैं।

उसकी नज़रों में खुद को पाने, हर आशिक दीवाना हो जाती हैं।


जैसे सूरज को होती हैं तपिश, उसकी आंखों से बह जाती हैं।

सागर जैसी आंखों वाली, वो प्रेम की लहरों में नहाती हैं।।


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