मुझे खींचे कोई डोर
मुझे खींचे कोई डोर
मुझे खींचे कोई डोर सजन प्यारे
ले चले वो तेरी ओर सजन प्यारे
तू अनाड़ी न जान पाया
या बहाना कोई बनाया
लगी लगन मुझे तो लगी लगन
देखे तू चुपके चुपके मैं थी खुद में मगन
जब पड़ी नजर तो तू था मुस्कुराया
तू अनाड़ी न जान पाया
या बहाना कोई बनाया
कदम्ब तले पेड़ की छाँव तले
देखूँ छुपछुप के तुझे मेरा मनवा खिले
मिली नजरें तो हिया शरमाया
तू अनाड़ी न जान पाया
या बहाना कोई बनाया
छेड़ें मुझे मेरी संग सहेली
तू भी बाज कहाँ आये जो पाये अकेली
मेरा रोम रोम खुद पे इतराया
तू अनाड़ी न जान पाया
या बहाना कोई बनाया
गीत - कंकड़िया मार कर जगाया
फिल्म - हिमालय की गोद में

