जवानी गई 'बुढ़ापा' आया, अब मौत तो झलक रही है ना पूरी ज़िन्दगी लगाई दौड़ अब कसक रही है ना जवानी गई 'बुढ़ापा' आया, अब मौत तो झलक रही है ना पूरी ज़िन्दगी लगाई दौड़ अब कसक ...
जब तकलीफ ही हो हमसफ़र फिर किसी से क्यों घबराए। जब तकलीफ ही हो हमसफ़र फिर किसी से क्यों घबराए।
मेरा रोम रोम खुद पे इतराया तू अनाड़ी न जान पाया या बहाना कोई बनाया मेरा रोम रोम खुद पे इतराया तू अनाड़ी न जान पाया या बहाना कोई बनाया
जीवन के हर खट्टे मीठे अनुभवों को हमने यहाँ लिखा, जीवन के हर खट्टे मीठे अनुभवों को हमने यहाँ लिखा,
ख्वाब लिखे जो रेत पर, लहरों में खो जाते हैं! ख्वाब लिखे जो रेत पर, लहरों में खो जाते हैं!
अनाड़ी से खिलाड़ी बनने के सफ़र से बढ़ती है ज़िंदगी की रफ्तार! अनाड़ी से खिलाड़ी बनने के सफ़र से बढ़ती है ज़िंदगी की रफ्तार!