उस बाग में पतझड़ जाने कब से ठहर छाया है, क्या कभी सावन वहाँ भी रूक कर बरस पाया है? उस बाग में पतझड़ जाने कब से ठहर छाया है, क्या कभी सावन वहाँ भी रूक कर बरस पा...
उमंग में तरंग में झिलमिलाती जिंदगी। उमंग में तरंग में झिलमिलाती जिंदगी।
मन के मंथन का विचार है कविता अनुभवों का भंडार है। मन के मंथन का विचार है कविता अनुभवों का भंडार है।
कभी किताबी बातों से कभी खुद से, कभी दूसरों के गुजरे अनुभवों से, कभी किताबी बातों से कभी खुद से, कभी दूसरों के गुजरे अनुभवों से,
उम्र के अन्तिम पड़ाव पर बैठी वो बूढ़ी स्त्री देखना चाहती है थोड़ा सा सम्मान हमारी आंखों में उम्र के अन्तिम पड़ाव पर बैठी वो बूढ़ी स्त्री देखना चाहती है थोड़ा सा सम्मान हमार...
बाहर की थकावट घर पहुँच दूर होती है, हृदय को शक्ति प्रदान कर सशक्त बनाता है। बाहर की थकावट घर पहुँच दूर होती है, हृदय को शक्ति प्रदान कर सशक्त बनाता है।