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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

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SURYAKANT MAJALKAR

Romance

मरने के बाद

मरने के बाद

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आत्मा तड़पती रहेगी

मरने के बाद।

क्युॅं न इसे कागज पर

उतार दूॅं।


स्याही उम्मीदों की 

कलम में भर दूॅं

जीवित हूँ मैं जब तक।


यादों को साथ लेकर

मर न जाऊँ कहीं।

अभी शब्दबध्द कर दूॅं

जीवित हूँ मैं जब तक।


कोई तो पढ़ लेगा मेरी

दास्ताने ए मोहब्बत

आत्मा सुकून पायेगी

मरने बाद।


हासिल न कर सका

इश्क मसिहा को

कोई आँसू बहा दे

मरने के बाद।


प्यार का जनाना

उठा लेना ये दोस्तों

उसे दोष न देना

मरने के बाद।


मेरा प्यार सच्चा है

मेरा इजहार काबिले 

तारीफ है

उनकी आत्मा का

दिया जलाये ये शब्द

मुकाम पाये मोहब्बत

मरने के बाद।


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