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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy Inspirational

मोटे-दुबले

मोटे-दुबले

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शरीर से जो लोग होते है, मोटे

लोग उन्हें यहां मानते है, खोटे

अनेक बीमारियां हो जाती है,

जो लोग हो जाते है,बहुत मोटे


शुगर,बीपी आदि रोग हो जाते

जो जरूरत से ज्यादा होते मोटे

कहीं उनकी कद्र नही होती है,

लोग उड़ाते बात-बात पर,तोते


इसलिये कस ले,तू शरीर मोटे

न तो लोग तानों से करेंगे,छोटे

यह मोटा है,हाथी का बच्चा है

ऐसे लोग बहुत खानेवाले होते


इन्हें नही बुलाओ कभी जीमने,

इनसे खाने के सामान कम होते

इसलिये करो योग,रहो निरोग

कसरत,योग से मोटे,दुबले होते


सही खुराक लेनेवाले भोजन की

सदैव ही तंदुरुस्त शरीर के होते

जो लोग मोटे से यहां दुबले होते

उन्हें पूंछो खुशी से कितने,रोते


जो लोग जिम,डाइट आदि से

जिस्म तंदुरुस्ती के दीवाने होते

उनके पास कई लोग जमा होते

जिनकी फ़िजूल चर्बीरहित होते


व्यर्थ की चर्बी इकट्ठा न होने दो,

फिर देखो यहां कितने मजे होते

जो तन स्वस्थ,वो यूं आश्वस्त होते

फ़लक को भी समझते बच्चे, छोटे।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
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