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Sonam Kewat

Romance

5.0  

Sonam Kewat

Romance

मोहब्बत

मोहब्बत

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हम तुमसे मोहब्बत करते हैं,

ना जाने क्यों, कैसे, कब करते हैं।

बढ़ जाती है चाहत हमारी,

याद तुम्हें हम जब-जब करते हैं।


पैमाना हो तो जरा बता देना,

जिससे माप सके हम इसको।

यकीन होगा जरूर उन्हें भी,

मोहब्बत ना हुई है जिनको।


ये वो प्यास है जिसकी आस में,

जाने कितनी जान गंवा बैठे।

बस एक इसी चाहत के खातिर,

आन, बान और शान लुटा बैठे।


पाला ना पड़ा हो तो समझा दूं,

ये कुछ अनजानी-सी आफत है।

अरे नाम तो सुना ही होगा,

लोग कहते इसे मोहब्बत हैं।


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