Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.
Shop now in Amazon Great Indian Festival. Click here.

Shivanand Chaubey

Romance

3  

Shivanand Chaubey

Romance

मोहब्बत

मोहब्बत

1 min
264


 

मोहब्बत वो नहीं जो कि भ्रमर करता है कलियों से

मोहब्बत में जिसे हर दिल ने है पागल बना डाल


मोहब्बत तो पपीहे की तड़प की कशमकश में है

जिसे स्वाती की बूंदों ने मरुस्थल सा बना डाला


मोहब्बत वो समन्दर है समा जाये जो आँखों में

बनाकर अश्क के मोती नयन दिल में सजा डाला


मोहब्बत तो दिलो के साज का पावन सा नगमा है

समर्पण से भरे इस साज को सुर में सजा डाला


मोहब्बत में कहाँ होती दिले दुशवारियाँ अपनी

बनाकर अश्क नयनों का जिसे दिल से मिटा डाला


मोहब्बत तो परम पावन कहानी है समर्पण की

समर्पण में जहाँ गैरों को भी अपना बना डाला !!

 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance