मोहब्बत की ही नही
मोहब्बत की ही नही
घटनाएं यूँ तो बहुत है
जो जिंदगी को झकझोर दिया करती हैं ।
रास्ते बहुत हैं जिंदगी में
जो मंजिलो से रुख मोड़ दिया करते है।
अक्सर मैं खामोशी से सहन कर लेता हूँ।
उन हवाओ को जो मुझे पीछे की ओर
बार बार बेवजह धकेला करती है।
मैं उन रिश्तों से दूर ही रहता हूँ
जो मेरा खुशी में साथ दे और गम में अकेला करती है
मुझे कोई बेरुखी नही बदल पायी जिंदगी में
ऐसी कोई ताकत किसी पर थी ही नही।
मुझे पता चला मोहब्बत बदल दिया करती है हर किसी को
मैंने इसी डर से मोहब्बत की ही नही।