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नविता यादव

Romance

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नविता यादव

Romance

मोहब्बत का आग़ाज़

मोहब्बत का आग़ाज़

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मतवाली आंखों से पूछा राजे मोहब्बत क्या है?

पलकों को इस कदर झपका के वो बोले,

समझ सको तो समझा दो,

तुम्हारे दिल की धड़कनों का आगाज़ क्या है?


दीवाने जिंदगी तुम बहुत ख़ास हो,,

मुहब्बत की दुनियां की तुम मुमताज़ हो,

जश्ने महफ़िल में तुम उभरता चांद हो,,

मेरी धड़कनों में "तुम" एक मधुर आगाज़ हो।।


आंखें तुम्हारी जैसे कोई पहेली हो,

अदाएं तुम्हारी जैसे तुम कोई अलबेली हो,

जुल्फ़ें तुम्हारी जैसे घटा घनघोर मतवाली हो,

मेरी चाहत का" तुम" एक बहका आगाज़ हो।।


तुम अनोखी हो, तुम अलबेली हो ,तुम पहेली हो

तुम प्यारी हो ,तुम न्यारी हो ,तुम सुकुमारी हो,

तुम जीवन हो, तुम मरण हो,तुम नील कमल हो,,

मेरे मुहब्बत का तुम हृदय - स्पर्शी एहसास हो।।


मेरी मोहब्ब्त का तुम आगाज़ हो,,

मेरी मोहब्ब्त का तुम आग़ाज़ हो।।


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