मोहब्बत ए ख़ुदा
मोहब्बत ए ख़ुदा


मोहब्बत ए मोहब्बत हमें हो गयी मोहब्बत
नासमझों के शहर में हमें हो गयी मोहब्बत
बदले बदले से लगते हालात अपने हैं
बेगाने भी अब तो अपने से लगते हैं
बंद करूँ जो आँखें बस तू ही नज़र आता
खोल दूँ आँखें तो नज़ारा बस तेरा ही होता है
क्या कहूँ ये इश्क़ कैसा है, हो गया
खुद से ही बेख़बर हूँ
मोहब्बत मोहब्बत हो गयी मोहब्बत
साँस साँस जैसे आती है, लाती है
जीने की उम्मीद और खबर तेरी
हर साँस के साथ मैं भी महक जाता हूँ
महकता औ
र बहकता रहता हूँ हर वक़्त
तेरे नशे में मद मस्त हो चहकता रहता हूँ हर वक़्त
मोहब्बत मोहब्बत हो गयी मोहब्बत
हर खबर तेरी तरोताज़ा कर जाती है बिना शराब के ही
जैसे नशे में मुझ को पागल कर जाती है
कैसे कहूँ किसको कहूँ कुछ समझ आता नहीं
समझाऊँ भी किसको उन नासमझों की टोली में।
बस कुछ पलकें झुका के कुछ मुस्कुरा के
तेरी यादों के ख्बाबों में तुझ से मिलनसार होते हैं
फिर से नज़रे उठा के थोड़ा मुस्कुरा के तुझे ही
निहार के हम आबाद होते हैं।
मोहब्बत ए मोहब्बत हो गयी मोहब्बत
नासमझों के शहर में हमें हो गयी मोहब्बत