इश्क़ के ढंग कई
इश्क़ के ढंग कई


मानो या न मानो हकीकत है यही अपनी
इश्क़ पे सारी की सारी दुनिया टिकी अपनी
है इश्क़ के रूप और ढंग है कई कई
जो इश्क़ पे जीवन कर गए अपना समर्पण
है बन कर कहानी जिंदा आज भी
लैला और मजनूं है जिंदा आज भी
राधा और कृष्ण की कहानी है अमर है आज भी
मानो या न मानो हक़ीक़त है यही अपनी
है इबादत प्रेम का ही रूप है ये दूसरा
ख़ुदा की बंदगी में जैसे है
जिंदा कबीरा आज भी
आओ गीता और कुरान से आगे अब हम बढ़ चले
इश्क़ को ही मज़हब अपना अब हम मान लें ।
मानो या न मानो हक़ीक़त है यही अपनी
भाई बहन के प्रेम का रूप है राखी
सरहद पे रक्षा कर रही वो प्यार है राखी
सब प्रेम में है सर्वोपरि वो देश प्रेम जानिये
हैं नमन करती है सारी दुनियां उन्हें
जिन्हें देश प्यारा है
धन्य है उनका वो जीवन
जो देश पे अर्पण हुआ
जय हिंद वन्देमातरम बस जिनका नारा है
मानो या न मानो हक़ीक़त है यही अपनी l
इश्क़ पे सारी की सारी दुनिया टिकी अपनी ll