STORYMIRROR

Gaurav Khandelwal

Others

2  

Gaurav Khandelwal

Others

बचपन के रंग

बचपन के रंग

1 min
174

न छल न कपट,

दिल रहता प्यार भरा

चेहरे पे रहता भोलापन 

सीधा सादा और सरल

जीवन जीने का ढंग।

पल भर मे सबको कर लेते अपना 

बचपन का है रंग अनोखा।

दिन भर खेलना और कूदना 

लड़ना झगड़ना हँसना और हँसाना 

जैसे लगता यही है जीवन।

बचपन का है रंग अनोखा 

नया नया सब कुछ लगता 

कभी फूल, कभी पंछी 

अचरज और रहस्यमयी लगती दुनिया सारी

कभी जंगल तो कभी परियों की कहानी है

चन्दा मामा सूरज चाचा 

मछली जल की रानी है

हर दिन नया जोश नयी जिज्ञासा 

नन्हे नन्हे पैरो से भी 

जैसे आसमान को झुकाने की ताकत है ।


बचपन का है रंग अनोखा 

आओ सीखे बचपन से,

जीने का के ये ढंग अनोखे।


Rate this content
Log in