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GENIUS BOY RAM

Romance

4  

GENIUS BOY RAM

Romance

मोहब्बत-2

मोहब्बत-2

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बरखा के हर बूँदों पर मैं तेरा नाम लिख दूंगा

तेरे साँसों की खुशबू पर मैं अपनी जान लिख दूंगा

मोहब्बत के गली का मुसाफिर हुआ मैं तो

मेरी जान सुन ले तू मैं अपनी जान लिख दूंगा।। 

मोहब्बत के टूटे और रूठे वादे होते है

कभी वफा, कभी दगा क्या इरादे होते है

रोना और हँसना तो पुराना खेल है इसका

जरा मुझको बताओ तो क्या फायदे होते हैं।। 

मोहब्बत को छोड़ो, कोई रिश्ता और निभाते हैं 

पनघट पे ही क्यों मिलना, हर बस्ती घुमाते हैं

कि बरसात का मौसम मोहब्बत के ही नाम लिखा

तुम समझो अगर मुझको तो हर मौसम बिताते हैं।। 

जानता हूँ मोहब्बत में गम के साए पड़ेंगे मगर

मेरी जान, ये तेरा जान लो तेरे नाम करता हूँ।। 


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