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Kalpesh Vyas

Comedy Inspirational

4.5  

Kalpesh Vyas

Comedy Inspirational

मन का जेठालाल

मन का जेठालाल

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ख्यालों में आती हैं बबिताजी जब-जब

मन का जेठालाल जाग जाता है तब-तब

फिर दया का ख़्याल आता है जब-जब

जेठालाल दबे पाँव भाग जाता है तब-तब।


बबिता नाम का राग दीपक

प्रेम की ज्योत जला जाता है

फिर दया नाम का राग मल्हार

मानों बादलों को बरसा जाता है।


बबिताजी हमारे पास नहीं शायद

इसिलिए चाहत की भरमार है

पर दया हरदम हमारे साथ है

उस का प्यार भी तो बेशूमार है।


मुसीबत आई जेठालाल पर जब-जब

बबिता ने साथ दिया ही होगा कब ?

परेशानी से घीरा जेठालाल जब-जब

दया ने ही उस का साथ दिया तब-तब।


बबिताजी न तो मिली है, ना ही मिलने वाली है

मन में बसाने के बावजूद वो तो बाहर वाली है

दया के दिल मे जेठा है, दया ही घरवाली है।


हर एक पति के मन मंदिर में

यह सनातन सत्य समाया है

दया ही तो सच्ची साथी है

और बबिताजी 'मोहमाया' है।।


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