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Neerja Sharma

Tragedy

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Neerja Sharma

Tragedy

मज़दूर

मज़दूर

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नहीं सोचा था इक दिन ऐसे लौट जाऊँगा

नंगे पाँव, बदहवासा सा बच्चों के साथ


उसी सड़क से जाना पड़ेगा जिसके लिए

सालों पहले घर छोड़ कर शहर आया था।


कोरोना की मार है मैं क्या हर कोई परेशान

न सहायता की भीख, न किसी से आशा 


मैं और मेरे हाथ इसी विश्वास के साथ 

लौट जाऊँगा जब हालात देंगे साथ।


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