Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nalanda Satish

Abstract Tragedy

4  

Nalanda Satish

Abstract Tragedy

फ़क़ीर

फ़क़ीर

1 min
448


नफरतो के अंबार लग गए जीते जी

चार कंधो पर आते ही सबके पसंदीदा हो गए


रूह थी जिस्म में जब , सुख से निवाला न मिला

श्राद्ध के दिन पंच पकवानों से थाल भर गए


फकीर सी गुजरी जिंदगी सीधे सादे दो कपड़ो में

सूखे पत्ते गिरते ही खजानो के दर खोले गए


कितनी बेअदबी से पेश आता है इंसान यहाँ

उम्र के साथ साथ साँसों के पैमाने कम होते गए


कागज पर कारोबार करने वालो की हैसियत है नवाबों वाली

हकीकत में जीने वालो को, खाने के लाले पड़ गए


इस खरपतवार को रोकने की है निहायत जरूरत

समंदर के किनारों को जीते जी जो खा गए


जंगलराज के इन निर्देशों को मानना क्या सही है 'नालन्दा'

जब दरख्तों के जड़ों में दीमक के पहाड़ लग गए।


Rate this content
Log in