STORYMIRROR

Tanmay Binjrajka

Fantasy Comedy Romance

3  

Tanmay Binjrajka

Fantasy Comedy Romance

मजबूर कर दिया

मजबूर कर दिया

1 min
13.6K


सादगि ने किसी को इतना मजबूर क्यूँ कर दिया,

सपने देखना ही छोड़ दिए,

जो हक़ीक़त ने सपनो का ज़िक्र कर दिया!

 

मोहब्बत में गिर गये हम इतना क्यूँ ऐ सनम,

की कमाया हुआ मगरूर बरसों का,

सारा तुझपे खर्च कर दिया!

 

दे दी सज़ा खुदा ने भी,

उस चाहत की, उस इबादत की,

जो उसके हक से चुरा के,

मैने महबूब को दे दिया!

सादगि ने किसी को क्यूँ इतना मजबूर कर दिया!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy